उत्तराखंड

बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज का शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत द्वारा किया गया लोकार्पण

देहरादून : बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज का  शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत द्वारा लोकार्पण किया गया । इस कार्यक्रम में बंशीधर तिवारी महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बन्दना गर्ब्याल निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी निदेशक माध्यमिक शिक्षा  राम कृष्ण उनियाल निदेशक प्रारंभिक शिक्षाए  अजय कुमार नौडियाल अपर निदेशक एस सी ई आर टी ए महावीर सिंह बिष्ट अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षाए  ललित मोहन चमोला अपर निदेशक महानिदेशालय  श्री शिव प्रसाद खाली अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षाए सहित शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी उपस्थित रहे इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से  मोहित चौधरी ए साथ ही विभिन्न संस्थाओं से आए प्रधानाचार्य प्रवक्ता अध्यापकए एनजीओ के सदस्य आदि ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की।

इसके पश्चात महानिदेशक विद्यालय शिक्षा द्वारा बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया उन्होंने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति. 2020 हमें दिशा देती है की शिक्षा में संस्कार कैसे समाहित किए जाएं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह दस्तावेज अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। किसी क्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री रामकृष्ण उनियाल जी ने भारतीय संस्कृति के मूल्य तत्व धर्मए अर्थ एकामए और मोक्ष पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चे की शिक्षा में इनका बहुत अधिक महत्व है और एससीएफ.एफ एस बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक सिद्ध होगा। निदेशक माध्यमिक शिक्षा  सीमा जौनसारी ने एससीएफ.एफएस के लोकार्पण पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि इस दस्तावेज के निर्माण में 8 महीने की कड़ी मेहनत है और यह दस्तावेज बॉटम टू अप अप्रोच के आधार पर बना है । यह महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ए स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग का एक संयुक्त प्रयास है उनके द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।

कार्यक्रम समन्वयक  रविदर्शन तोपाल ने विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विजन और इसके पांच महत्वपूर्ण भागों पर प्रकाश डाला गया। माननीय मंत्री जी ने अपने उदबोधन में शिक्षा विभाग को एससीएफ के लोकार्पण की बधाई देते हुए कहा कि पूरे राष्ट्र में इस दस्तावेज को तैयार कर लोकार्पित करने में उत्तराखंड राज्य प्रथम स्थान पर रहा है। इसके अतिरिक्त बाल वाटिका प्रारंभ करने में भी उत्तराखंड ने अपना स्थान बनाये रखा है। क्योंकि बच्चों का 85ः विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है इसलिए बुनियादी शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण होना अति आवश्यक है। यद्यपि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पूर्ण कल्याण में कुछ समय लगेगा लेकिन यह आवश्यक है कि सभी आंगनबाड़ियों को विद्यालयों से जोड़ दिया जाए ।

मंत्री  द्वारा समस्त डाइट प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए की प्रत्येक जनपद में हमारी विरासत पुस्तक डाइट के माध्यम से प्रकाशित की जानी है इसके लिए समाज के लोगों से सहयोग लिया जाए। साहित्यकारों को बुलाया जाए बच्चों से भी संवाद किया जाए  महिला मंगल दल और अभिभावकों को बुलाकर उनके विचार लिए जाए और तब क्षेत्र विशेष पर आधारित यह दस्तावेज जनपद द्वारा निर्मित किया जाए। माननीय मंत्री जी द्वारा आह्वान किया गया कि हम सभी के लिए यह विचारणीय बिंदु है कि अपने राज्य में हम किस प्रकार शिक्षा को और बेहतर बना सकते हैं । इस अवसर पर विद्यालय शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ मंत्री  द्वारा किया गया मार्गदर्शन हेतु गेस्ट स्पीकर के रूप में फिलासफी ऑफ़ एजूकेशन पर प्रदीप रावत मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून तथा भारतीय ज्ञान पद्धति पर डॉक्टर कृष्ण झरे ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। भारतीय भाषा उत्सव के समापन अवसर पर भी उन्होंने सबको बधाई दी उन्होंने कहा कि हमारे देश में विभिन्न भाषाएं हैं किंतु उनके भाव एक ही है कार्यक्रम के समापन सत्र में संयुक्त निदेशक एनसीईआरटी  कंचन देवरानी द्वारा सभी आगंतुकों प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

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