उत्तराखंड

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आपदा प्रबन्धन विभाग की ली बैठक, जनपदों को डीडीएमपी बनाने के निर्देश

देहरादून : मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आपदा प्रबन्धन विभाग की बैठक ली। इस दौरान मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड में भूकम्प संवेदी उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की निर्माण सामग्री के उपयोग को प्राथमिकता देने तथा बिल्डिंग कोड का सख्ती से पालन कराने को लेकर एजेंसियों के लिए बिल्डिंग कोड से सम्बन्धित कार्यशालाएं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराने के निर्देश दिए।

बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि भूकम्प संवेदी विशेषकर उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में भवन निर्माण में हल्की सामग्री का प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकारी भवनों के निर्माण में भी यह प्रयोग आरम्भ करने के निर्देश दिए। आपदा प्रबन्धन की रणनीति में निरन्तर सुधार के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने राज्य में हाल ही में घटित हिमस्खलन सहित सभी आपदाओं की केस स्टडी तैयार करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने आपदा संवेदी क्षेत्रों में कार्य करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर काॅन्ट्रेक्टर, कार्यदायी संस्था व जिला प्रशासन की जिम्मेदारी तय करते हुए इस सम्बन्ध में एक स्पष्ट एसओपी बनाने के निर्देश दिए। इसमें कार्यरत श्रमिकों की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हिमस्खलन जैसी आपदाओं से बचाव एवं राहत हेतु स्थानीय समुदायों को जागरूक एवं सक्रिय करने के भी निर्देश दिए।

इसके साथ ही सीएस ने नेशनल ग्लेश्यिल लेक आउटबर्स्ट फ्लड रिस्क मिटिगेशन प्रोग्राम (एनजीआरएमपी) के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से भेजी गई प्रोजेक्ट प्री फिजीबिलिटी रिपोर्ट व राष्ट्रीय भूकम्प जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम की प्राथमिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने ग्लेश्यिल लेक आउटब्रस्ट फ्लड पर अर्ली वार्निग सिस्टम पर सीडैक के तकनीकी एवं वित्तीय प्रस्तावों की भी समीक्षा की।

इस दौरान बैठक में सचिव विनोद कुमार सुमन, आईजी अरूण मोहन जोशी सहित आपदा प्रबन्धन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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