उत्तराखंड

गर्मी ने दस साल का तोड़ा रिकॉर्ड , अभी और तपेंगे मैदानी इलाके

उत्तराखंड : हल्द्वानी में दो दिन से गर्मी सितम ढा रही है। रविवार को पारा शनिवार के मुकाबले आधा डिग्री सेल्सियस बढ़कर 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया जो मई महीने में पिछले 10 वर्षों में सबसे ज्यादा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मैदानी इलाके फिलहाल गर्मी से और तपेंगे। मौसम विभाग देहरादून के अनुसार रुद्रपुर-हरिद्वार में हीट वेव की आशंका है जबकि पर्वतीय जिलों में कहीं-हल्की बारिश हो सकती है। पंतनगर कृषि विवि के मौसम विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह ने बताया कि रविवार का तापमान मई माह में पिछले 10 वर्षों में सर्वाधिक है। अभी तापमान तराई क्षेत्र में 42-43 डिग्री तक जाएगा। हालांकि पर्वतीय जिलों में बादल छाए रहेंगे और कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इस साल लू अन्य सालों की अपेक्षा 15 से 20 दिन ज्यादा रहेगी।

मार्च से ही बढ़ने लगा था तापमान
इस साल मार्च से तापमान बढ़ने लगा था। 31 मार्च को शहर का पारा 36.3 डिग्री पहुंच गया था। 28 अप्रैल को पारा 38.5 और चार मई को सर्वाधिक 39.5 डिग्री रहा।

तेज सिर सर्द और बेहोशी छा सकती है
विशेषज्ञों के अनुसार दोपहर में 12 बजे से तीन से साढ़े तीन घंटे का समय काफी गर्मी वाला रहता है और तेज सिर दर्द भी होता है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नीलांबर भट्ट के अनुसार भीषण गर्मी में बीपी लो होना, उल्टी, चक्कर और बेहोशी की आशंका रहती है।

क्या करें, न करें-

– तेज गर्मी में घर से न निकलें, जरूरी हो तो पर्याप्त पानी पीकर निकलें।

– अस्वस्थ व्यक्ति घर में ही आराम करें। संतुलित आहार का सेवन करें।

– घर से बाहर के जरूरी काम दोपहर से पहले निपटा लें।

– तेज धूप में कार्य न करें, अपने पास तरल पदार्थ रखें।

– छोटे बच्चों, दिल के मरीजों, गर्भवती महिलाओं को तेज धूप में जाने से बचना चाहिए।

स्वास्थ्य महकमा भी चौकन्ना
स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से लू लगने वाले वाले व्यक्ति को अस्पताल में एसी रूम में रखने, अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में औषधियों का भंडारण करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ डॉ. श्वेता भंडारी ने बताया कि निदेशालय की ओर से जिला और उप जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी सेंटरों में पर्याप्त मात्रा में आईस पैक रखने, लू प्रभावित मरीज को ओआरएस पैकेट मुहैया कराने, मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए परिसर के अंदर बैठने की व्यवस्था करने, साफ ठंडा पानी उपलब्ध कराने और वार्डों में मरीजों के लिए कूलर और पंखे की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

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