उत्तराखंड के 11,440 गांवों में किसानों से संवाद करेंगे वैज्ञानिक
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुनियाल गांव, देहरादून से उत्तराखण्ड में “विकसित कृषि संकल्प अभियान“ की शुरुआत की। अभियान के दौरान कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी राज्य के 95 विकासखंडों, 670 न्याय पंचायतों और 11,440 गाँवों में किसानों से संवाद करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत 29 मई से 12 जून तक देशभर के 700 से अधिक जिलों में 2000 से अधिक वैज्ञानिक दलों द्वारा डेढ़ करोड़ किसानों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा। इस अभियान के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में तीन टीमें गठित की गई हैं, जो प्रतिदिन तीन स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करेंगी, ऐसे प्रत्येक कार्यक्रम में 600 से अधिक किसानों के साथ संवाद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान“ के माध्यम से किसानों को उनकी भूमि, जलवायु और ज़रूरत के अनुसार उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी देने के साथ-साथ मृदा परीक्षण के आधार पर लाभकारी फसलों के चयन के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही, कृषि, पशुपालन, बागवानी जैसी योजनाओं की भी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज भारत ’विकसित राष्ट्र’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा हमारे अन्नदाताओं की आय को दोगुना करने हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जहां एक ओर देशभर के 11 करोड़ किसानों को “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वहीं सभी प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर किसानों की आय में निरंतर बढ़ोत्तरी सुनिश्चित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को तीन लाख रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। किसानों को कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से “फार्म मशीनरी बैंक“ योजना के जरिए कृषि उपकरण खरीदने हेतु 80 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है। गेहूं खरीद पर कृषकों को प्रति क्विंटल 20 रू. का बोनस दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने गन्ने के रेट में भी 20 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। किसानों के लिए नहर से सिंचाई को बिल्कुल मुफ्त कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागान धौलादेवी, मुनस्यारी और बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इसी तरह राज्य में 6 एरोमा वैली विकसित किए जा रहे हैं। इस बार के बजट में 200 करोड़ रूपए का प्रावधान विशेष रूप से पॉलीहाउस निर्माण के लिए किया गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को बढ़ाने के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत से “उत्तराखण्ड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट“ भी स्वीकृत किया गया है। हाल ही में राज्य सरकार ने 1200 करोड़ रुपए की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, ’स्टेट मिलेट मिशन’ और ’ड्रैगन फ्रूट नीति’ जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि गुनियाल गांव में सामुदायिक भवन का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कराने एवं सौंग नदी के गिरते हुए जल स्तर को रोकने के लिए गुनियालगांव के निचले क्षेत्र में दो स्थानों पर आरसीसी दीवाल, चेक डैम तथा कट ऑफ वाल बनाई जायेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।
इस अवसर पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, दायित्वधारी भुवन विक्रम डबराल, सचिव कृषि एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान, कुलपति पंतनगर विश्वविद्यालय डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति भरसार विश्वविद्यालय डॉ. प्रमेन्द्र कौशल मौजूद थे।