देहरादून में होगी पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला
देहरादून : “श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून” द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी – पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु *देहरादून के टिहरी-नगर के ” आजाद मैदान, अजबपुर कलां, दून यूनिवर्सिटी रोड़, देहरादून ” में 11 दिन की ‘ भव्य रामलीला ‘ का आयोजन शारदीय नवरात्रों में 15 से 25 अक्टूबर 2023 तक किया जाएगा।*
” श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून ” के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की टिहरी गढ़वाल की ऐतेहासिक रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी के ‘आजाद मैदान’ में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और *टिहरी के जलमग्र होने के बाद अब टिहरी विस्थापितों ने देहरादून में इसको 21 वर्षो बाद पुनर्जीवित करने का निर्णय किया है।* इससे टिहरी गढ़वाल के इतिहास को पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।
इस बार *रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार “Laser Show” का प्रसारण किया जाएगा।* कई विश्व प्रसिद्ध स्थलों में *”लेजर शो”* मुख्य आकर्षण केंद्रों से एक रहता है। नई तकनीक में Digital Screen, Live Telecast System व अन्य Digital Technology के माध्यम से मंचन की व्यवस्था की जाएंगी। *लेजर शो से सुशोभित ऐसी भव्य रामलीला का उत्तराखंड में पहली बार मंचन होगा।*
उल्लेखनीय है की अजबपुर, देहरादून स्थित ” टिहरी नगर ” में रामलीला आने वाले शारदीय नवरात्रों में 15 अक्टूबर 2023 से भव्य रूप से आयोजित करी जाएगी। इस रामलीला में चौपाई, कथा, संवाद,मंचन आदि सब पुरानी टिहरी की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा, जिससे गढ़वाल के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ा रहे। समिति के बैठक में सचिव अमित पंत, गिरीश चंद्र पांडेय, नरेश कुमार, गिरीश पैनुली, बचेंद्र कुमार पांडे, मनोज कुमार जोशी, मुनेंद्र दत्त सेमवाल, आदि ने भाग लिया।