उत्तराखंड

शव देख अपनों का परिजन गमगीन, खाई में गिरा था पिकअप वाहन; आठ की मौत और दो लोग हुए थे घायल

देहरादून : नैनीताल के पास बेतालघाट क्षेत्र के मल्ला गांव ऊंचाकोट मोटर मार्ग पर सोमवार की रात एक पिकअप के गहरी खाई में गिरने से चालक और सात नेपाली मजदूरों की मौत हो गई थी। हादसे में दो मजदूर घायल हो गए थे। जिनका इलाज हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद मृतकों का शव लेने नैनीताल पहुंचे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। थानाध्यक्ष अनीस अहमद ने बताया कि रात करीब 10:30 बजे मल्ला गांव ऊंचाकोट में पिकअप यूके04सीसी0495 में सवार होकर दस नेपाली मजदूर पेयजल लाइन बिछाने का काम पूरा कर हल्द्वानी लौट रहे थे। थोड़ा आगे गए ही थे कि वाहन अनियंत्रित होकर 200 फिट गहरी खाई में जा गिरा। हादसे में वाहन चालक राजेंद्र कुमार (42) पुत्र हरिराम ओडाबासकोट बेतालघाट के अलावा नेपाल के तहसील बाज तारी के नेपालगंज फतेहपुर के रहने वाले विशन राम चौधरी (50), धीरज (45), अनंत राम चौधरी (40), विनोद चौधरी (35), उदय राम चौधरी (55), त्रिलोक चौधरी (45) और गोपाल वसुनिया (60) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं हादसे में घायल दशरथ बहादुर (26) और लाली (32) को बेतालघाट सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया। थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने देर रात एक बजे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर मृतकों को खाई से बाहर निकाला। हादसे की खबर मिलते ही मृतकों के परिजन नैनीताल पहुंचे। इधर, ठेकेदार सूरज सिंह ने बताया कि सभी मृतकों के परिजन अभी नहीं पहुंचे हैं। बुधवार सुबह तक उनके पहुंचने की उम्मीद है। कहा कि परिजनों की हरसंभवन मदद कराई जाएगी।

नवरात्रि में घर पहुंचने के चलते रात को ही निकले थे मजदूर
हादसे में मृतकों के साथी मजदूर प्रेम बहादुर ने बताया कि सभी मजदूरों को मंगलवार की सुबह नेपाल वापस लौटना था। लेकिन नौ मजदूरों ने नवरात्रि पर ही घर पहुंचने की जिद करते हुए रात को ही पिकअप हल्द्वानी के लिए बुला ली। प्रेम ने कहा कि मंगलवार की सुबह उन्हें भी दो अन्य साथी मजदूरों के साथ उनके साथ ही नेपाल जाना था। प्रेम ने कहा कि उन्होंने रात को जाने से मना कर दिया था, जिससे उसकी जान बच गई। प्रेम ने कहा कि वह लोग दो महीने से गांव में जल जीवन मिशन योजना के तहत पेयजल लाइन बिछाने का काम कर रहे थे। सोमवार को ही काम पूरा हुआ था। साथ ही कहा कि उन्हें मजदूरी की धनराशि लेने के लिए मंगलवार को रामनगर जाना था। लेकिन घर जल्दी जाने की जिद में सभी साथियों की हादसे में जान चली गई। प्रेम ने कहा कि सभी नेपाल में एक ही गांव के थे और आपस में रिश्तेदा थे। उन्होंने कहा कि कभी सोचा नहीं था की यह काम उनके सात साथियों का अंतिम काम था।

परिजनों के देरी के चलते पोस्टमार्टम में हुई देरी
मंगलवार सुबह मृतकों के शव बीडी पांडे अस्पताल लाया गया। परिजनों के देरी से पहुंचने के चलते पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्रवाई में देरी हुई। पीएमएस डॉ. टीके टम्टा ने बताया कि देर रात सभी शवों का पोस्टमार्टम कर दिया गया।

जहां सड़क हादसा हुआ है वह सड़क का आखिरी छोर है। जहां से वापसी में लगभग पांच मीटर आगे आने के बाद वाहन अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा और वाहन में सवार लोगों की मौत हो गई। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया। -हरबंश सिंह, एसपी यातायात व अपराध, नैनीताल

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