अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले मे तीन आरोपी दोषी करार, उम्रकैद की सजा
देहरादून/कोटद्वार: उत्तराखंड स्थित बनंतरा रिजार्ट मे बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की एडीजे कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर तथा अमित गुप्ता को दोषी करार देते हुए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीन साल तक चले केश मे आरोपियों पर दोष सिद्ध होने पर सजा सुनाई गयी।
इन धाराओं मे हुई सजा
1 पुलकित आर्य को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास व ₹50000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास 10000 रुपए जुर्माना, धारा 354 ए आईपीसी में 2 वर्ष का कठोर कारावास ₹10000 जुर्माना व धारा 3(1)d आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास वह ₹2000 जुर्माना की सजा सुनाई गयी है।
2 सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में आजीवन कठोर कारावास व 50000 रुपए जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास व ₹10000 जुर्माना, व3(1)d आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास व ₹2000 जुर्माना की सजा सुनाई गयी है। इसके अलावा 4 लाख प्रतिकर मिर्तिका के परिजनों को देना है
क्या था घटनाक्रम
18 सितंबर 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्यरत रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। मामले के संज्ञान मे आने के बाद 24 सितंबर को पुलिस ने नहर से उसका शव बरामद किया। इस जघन्य हत्याकांड से विरोध प्रदर्शन और आक्रोश प्रदेश भर मे शुरू हुए।
हत्या कांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया और मामले की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को कोटद्वार एडीजे कोर्ट में शुरू हुई थी। एसआईटी द्वारा जांच पूरी करने के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से 500 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन पक्ष की गवाही 28 मार्च 2023 से शुरू हुई। इस दौरान कुल 47 गवाहों को अदालत में पेश कराया गया। एसआईटी ने मामले में 100 गवाह बनाए थे।
जांच एजेंसियों के लिए भी रही चुनौती
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मामले मे एसआईटी गठित की गयी। हाई प्रोफाइल मामले मे पुलकित के पिता को पार्टी से निष्काषित किया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपियों को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा गया और अभी तक वह सलाखों के पीछे हैं।
आरोपियों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया गया। धामी सरकार द्वारा अंकिता भंडारी के परिवार को दी गई ₹25 लाख की आर्थिक मदद भी दी। अंकिता के परिजनों की मांग पर 3 बार सरकारी वकील बदले गये। कोर्ट में सरकारी वकील द्वारा की गई सख्त पैरवी की वजह से आरोपियों द्वारा दी गई जमानत अर्जी हर बार खारिज हुई।
कड़ी सुरक्षा के बीच लोगों ने की कोर्ट परिसर मे घुसने की कोशिश
अंकिता भंडारी मर्डर केश के फैसले पर प्रदेश भर मे नजर लगी थी। फैसला आने से ऐन पहले भीड़ ने पुलिस प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग को तोड़कर न्यायालय की ओर बढ़ने की भीड़ की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने भीड़ को रोक दिया। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई और अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।